नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। 6 अक्टूबर 1989 को हॉलीवुड में एक गहरा सन्नाटा छा गया था। यह वह दिन था जब सिनेमा की सबसे प्रभावशाली और जिद्दी अभिनेत्री बेट डेविस ने इस दुनिया को अलविदा कहा। कहा जाता है कि वह अपने किरदारों में पूरी तरह से समाहित हो जाती थीं। 81 वर्ष की आयु में, जब उन्होंने फ्रांस के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली, तो पूरा फिल्म उद्योग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा था।
बेट डेविस का जन्म 1908 में अमेरिका के मैसाचुसेट्स में हुआ। उस समय की फिल्मों में नायिकाएं अक्सर सुंदरता या मासूमियत का प्रतीक होती थीं, लेकिन बेट ने इस धारणा को तोड़ दिया। उन्होंने ऐसे किरदार निभाए जो महत्वाकांक्षी, गुस्से में और प्यार में पागल थे, जो अपने निर्णय खुद लेने की जिद रखते थे। हॉलीवुड के गोल्डन एज में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
उनकी सफलता आसान नहीं थी; उन्होंने कई असफलताओं का सामना किया। लेकिन जब वह इनसे उबर गईं, तो उन्होंने फिल्म उद्योग में अपनी छाप छोड़ी। "ऑल अबाउट ईव" और "जेजेबल" जैसी फिल्मों ने उन्हें एक स्थापित अभिनेत्री बना दिया। वह पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने अपनी कला को पूरा सम्मान दिया और दो बार ऑस्कर जीतकर इसे साबित किया।
बेट डेविस की लोकप्रियता का आलम यह था कि उनके नाम पर एक प्रसिद्ध गीत भी बना। 1981 में, अमेरिकी गायिका किम कार्न्स का "बेट डेविस आइज" गीत रिलीज हुआ, जो उनकी आंखों को समर्पित था और यह बिलबोर्ड हॉट 100 पर नौ हफ्तों तक नंबर 1 पर रहा। इस गीत ने 1982 के ग्रैमी अवॉर्ड्स में 'सॉन्ग ऑफ द ईयर' का खिताब जीता।
बेट ने मजबूत और जटिल महिलाओं के किरदार निभाए। जैसे 'नाउ', 'वॉयेजर' (1942) में, जहां एक दृश्य ने गीतकार जैकी डीशैनन को प्रेरित किया। उनकी आंखें क्लोज-अप शॉट्स के लिए मशहूर थीं, जो उनकी भावनाओं की गहराई को दर्शाती थीं।
गीत 1974 में डोना वीस और जैकी डीशैनन द्वारा लिखा गया था, लेकिन किम कार्न्स के 1981 के संस्करण ने इसे सुपरहिट बना दिया। जब उन्होंने इसे इलेक्ट्रॉनिक सिंथ धुन के साथ गाया, तो यह दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया। गीत की पंक्तियाँ 'शी इज गॉट बेट डेविस आइज' मानो बेट डेविस की रहस्यमयी आंखों का जीवंत चित्रण थीं।
बेट गाने की रिलीज के समय 73 वर्ष की थीं और उन्होंने कार्न्स को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि एक नए दौर ने मेरे नाम को जिंदा रखा।” उन्होंने इसे “मॉडर्न कंप्लीमेंट” कहा और उनकी मुस्कान में वही आत्मविश्वास झलकता था, जिसने उन्हें हॉलीवुड की सबसे प्रभावशाली महिला बना दिया।
हालांकि, उनके जीवन में कठिनाइयाँ भी थीं। 1980 के दशक में उन्हें 'स्तन कैंसर' हो गया। उन्होंने सर्जरी करवाई, रेडिएशन सहा और फिर भी कैमरे के सामने लौटीं—जैसे कह रही हों कि जब तक सांस है, अभिनय जारी रहेगा।
जब भी "बेट डेविस आइज" की धुन सुनाई देती है, ऐसा लगता है जैसे वह अभी भी वहीं हैं—किसी पुराने हॉलीवुड सेट पर, तेज रोशनी के नीचे, अपनी आंखों से कैमरे को चुनौती देती हुईं। बेट डेविस को "फर्स्ट लेडी ऑफ द स्क्रीन" कहा जाता है और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करते हुए 2008 में यूएस पोस्टल सर्विस ने उनके नाम पर एक स्टैंप जारी किया।
You may also like
मैं सिंगल रहकर बहुत खुश हूं : टेरेंस लुईस
बिहार चुनाव: बाढ़ प्रभावित कृषि प्रधान क्षेत्र चेरिया बरियारपुर कई मायनों में खास, पार्टियों को मिलेगी कड़ी चुनौती
महिला विश्व कप: भारत ने पाकिस्तान को 88 रन से हराया
गुजरात: 'लखपति दीदी योजना' से डांग की महिला वंदनाबेन बनीं आत्मनिर्भर
पटना : कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने चुनाव आयोग पर लगाए 'वोट चोरी' के आरोप